जौनपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ रागिनी सोनकर ने बुधवार को प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिजली उत्पादन, ट्रांसफार्मर के रखरखाव और निजीकरण को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब 1989 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली, उस समय प्रदेश में बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी। उस कठिन दौर में समाजवादी सरकार ने राज्य में 17 हजार मेगावाट तक बिजली उत्पादन पहुंचाया।
उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 में सत्ता में आने पर बीजेपी सरकार ने इस उत्पादन को दोगुना करने का वादा किया था। इसके बावजूद केवल आठ हजार मेगावाट तक ही उत्पादन कर सकी है। उन्होंने पूछा कि इतने बड़े-बड़े दावे करने के बावजूद सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं किया?
उन्होंने मंत्री से पूछा कि सरकार सिर्फ दो वर्षों का ही आंकड़ा दे कि कितने ट्रांसफॉर्मर बदले गए हैं और उनका रखरखाव किया गया है? मंत्री के संतोषजनक जवाब न देने पर उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने निजीकरण के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह कदम मंत्रालय की अपनी अक्षमता को दर्शाता है।
विधायक ने कहा कि जब सरकार को अपने विभाग पर ही विश्वास नहीं है, तो जनता कैसे विश्वास करेगी? उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति के लिए ऐसी कंपनियों को टेंडर दिया जा रहा है, जो सिर्फ गरीबों की कमर तोड़ रही हैं। यह कंपनियां मानक के अनुरूप नहीं हैं। न ही स्किल्ड हैं। कपड़ा बनाने वाली कंपनी से बिजली सामग्री बनाने का टेंडर कराया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से कहा कि निजीकरण को रोकने और मंत्रालय को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएं। सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और जनता के विश्वास को दोबारा जीतने के लिए आत्ममंथन करना चाहिए।