जौनपुर। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद के कृषि विज्ञान केन्द्र बख्शा में हाईटेक नर्सरी फार वेजिटेबल सीडलिंग इकाई है। इसमें वेजीटेबल सीडलिंग ऐसी इकाई है जो पूर्णतया मृदा विहीन, कवक मुक्त, जीवाणु मुक्त, विषाणु मुक्त है। इसे सुपर सीडर मशीन से तैयार किया जाता है। बुआई के बाद वेजीटेबल सीड़लिंग को हार्डनिंग चैम्बर में रखकर वातावरण के अनुकूल तैयार किया जाता है। इसके बाद इस सीड़लिंग को क्षेत्र में बुआई के लिए किसानों को दिया जाता है।
ऐसे सीड का उपयोग कर जनपद के बदलापुर ब्लाक अंतर्गत रामनगर गांव के प्रगतिशील किसान रितेश यादव मालामाल हुए हैं। उन्होंने हाईटेक नर्सरी में तैयार पौध का अपने क्षेत्र में रोपण कराया। वह अपने क्षेत्र में 10 साल के लिए कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से सब्जी की खेती करवा रहे हैं। इसके तहत मटर, करैला, बैगन, टमाटर, शिमला मिर्च को जैविक विधि से तैयार कर सालाना सात से आठ लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में 300 शिमला मिर्च के पौधे लगाए जिसमें 45 दिनों के भीतर फल आ गये। इसमें दो कुंतल के लगभग उत्पादन हुआ। शिमला मिर्च का बाजार मूल्य 60 से 70 रुपए प्रति किलो है। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र बख्शा से टमाटर के 3500, बैगन के 300 पौधे लेकर क्षेत्र में रोपित कराया जिसमें 1.50 कुंतल के करीब बैगन मिला, जिसका बाजार मूल्य 40 से 50 रुपए प्रति किलो है। करैला का बाजार मूल्य 80 रुपए प्रति किलो ग्राम मिल रहा है। मटर का उत्पादन अब तक 3.50 कुंतल हुआ है जिसका बाजार मूल्य 70 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम मिल रहा है।
इस पैदावार की विशेषता है कि इसमें जैविक खाद के रूप में सड़ी गोबर की खाद, जीवामृत एवं घनामृत का प्रभावी ढंग से प्रयोग किया गया है। उन्हें अभी तक अपने कृषि उत्पाद को बाजार तक नहीं ले जाना पड़ा है। सभी उत्पाद व्यापारियों ने कृषक प्रक्षेत्र से ही खरीद लिया है।
जैविक विधि से खेती करने के कारण कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों पर होने वाले खर्च की भी बचत हो रही है। जैविक विधि से तैयार कीटनाशक (जैसे मट्ठा, अदरक, लहसुन, मिर्च का मिश्रण तैयार कर) का प्रयोग कर पौधों को रोग मुक्त किया है।
किसान रितेश ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र बख्शा की हाईटेक नर्सरी से मिले पौधे की मृत्यु दर शून्य है। सौ प्रतिशत पौध खेत में लग गये हैं। वह हाईटेक पौधों से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वह जनपद के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप मे कार्य कर रहे हैं। जनपद के अन्य सब्जी की खेती करने वालों किसानों से अपील है कि वह कृषि विज्ञान केन्द्र बख्शा में तैयार सब्जी की नर्सरी दो रुपए प्रति पौध की दर से प्राप्त कर अपने खेतों में लगायें ताकि वह भी अपने फसल से अच्छी आमदनी पा सकें।