
जौनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जनपद में 1001 जोड़ों का कन्यादान कराए जाने से संबंधित दावों में वरिष्ठ अधिवक्ता तथा समाजवादी पार्टी के नेता मनीष सिंह को दाल में काला नज़र आ रहा है। वह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हुए इस कार्यक्रम की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि यह योजना भ्रष्ट्राचार को भेंट चढ़ चुकी है। जैसा भाजपा दावा कर रही है कि सोमवार को हुए कार्यक्रम में 1001 जोड़ों की शादी की व्यवस्था गई थी जबकि मात्र 700 या 750 के करीब लोग ही शामिल थे।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से लाभार्थियों की सूची मांगी है लेकिन जिला प्रशासन उन्हें सूची उपलब्ध नहीं करा रहा है। इसकी वजह से उन्हें इसमें भ्रष्ट्राचार लग रहा है। इस भ्रष्ट्राचार के लिए उन्होंने जिला प्रशासन, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्री, विधायक, और सांसद पर दोष मढ़ा है।
मनीष सिंह का कहना है कि इन लोगों को यह नहीं मालूम है कि कौन-कौन से लाभार्थी जुड़े हैं और वह कहां-कहां से आए हैं। उनका कहना है कि सारी व्यवस्था जिला प्रशासन ने की थी जबकि लेखपाल और कानूनगो के माध्यम से व्यवस्था बनाई गई थी। ज्यादा संख्या में जोड़ों की शादी दर्शाने की कोशिश की जा रही थी। इसमें प्रत्येक जोड़े पर 16 हजार रुपए खर्च हुए। 35 हजार रुपए देना लेकिन वह भी किसी को मिला, किसी को नहीं मिला। इसकी भी सूचना मांगी जा है लेकिन जिला प्रशासन नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि वृद्धा, विधवा और किसान पेंशन की यदि सूचना मांगी जाती है तो वह आसानी से मिल जाती है लेकिन जोड़ों की शादी से संबंधित कोई भी सूचना जिला प्रशासन नहीं दे रहा है। ऐसी स्थिति में जिले में बहुत बड़ा भ्रष्ट्राचार हुआ है।
मनीष सिंह की मानें तो इसके पहले शाहगंज में भी ऐसा ही हुआ था। उनका कहना है कि उस कार्यक्रम में मेरे ही गांव से दो-तीन जोड़े ले जाए गए थे, जिनके दो-दो तीन-तीन बच्चे थे। मनीष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैं सुबह ही गया था। मैं जब गया था, वह ऐसे समय था जब लोग कार्यक्रम में शामिल होने आते हैं। मैंने वहां पर पचासों ऐसे जोड़े देखे जिनकी उम्र 40 से 45 वर्ष के बीच थी। वह दो-तीन बच्चों के मां-बाप लग रहे थे। उन्होंने प्रशासन और प्रदेश सरकार पर इतनी बड़ी व्यवस्था के लिए पारदर्शिता का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आनन-फानन में यह कार्यक्रम किया गया है। इसमें कई करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसका जवाब प्रदेश सरकार तथा जौनपुर जिला प्रशासन को देना होगा।
उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कमेटी में जिले के ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को रखा जाना चाहिए जो कि जांच में मदद कर सकें। वह कहते हैं कि जिले में कई पूर्व आईएएस हैं, उन्हें शामिल करने पर जांच में मदद मिलेगी। जनपद के दोनों बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान अध्यक्ष, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को भी रखना चाहिए। तमाम ऐसे पत्रकार हैं जो जिले को 70-80 साल से देख रहे हैं। उन्हें इन सबकी पृष्ठभूमि अच्छी तरह से मालूम है। ऐसे लोगों को रखकर जांच कराई जाए और मामले का पर्दाफाश किया जाए।