गोरखपुर। नगर निगम की ओर से सिविल लाइंस छात्रसंघ चौराहे पर संचालित रैन बसेरा ही वह स्थान है जहां से मुख्यमंत्री बनकर आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कार्यों की शुरुआत की थी और कई योजनाओं को यहां से ही चालू किया था। तब से अब तक वह लगातार हर साल यहां आते हैं। इस दौरान बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित रहता है।
मुख्यमंत्री के साथ कुछ ही लोग जिनमें उनका फोटो ग्राफर सहित कुछ अन्य ही जाने पाते हैं। इस दौरान वह कार्यकर्ताओं को अपने हाथ से भोजन की थाली देकर कुशलक्षेम पूछते हैं। बाहर आकर जरूरत मंदों में कम्बल बांटते हैं। साथ ही सरकारी योजनाओं के बारे में मीडिया को बताते हैं।
योगी के आने से पहले ही लाल बत्ती लगी गाड़ियों से बड़े बड़े अधिकारियों का इस रैन बसेरा पर आना-जाना बढ़ जाता है। लोग आश्चर्य चकित होकर पूछते हैं ‘लाल कालीन, रंगाई-पोताई, साफ-सुथरा बिस्तर, इससे लग रहा है कि यहां कोई बड़ा प्रोग्राम होने वाला है।
इस बार मंगलवार को योगी आदित्यनाथ का यह छठवां कार्यक्रम था। यहां पहुंच कर उन्होंने सेवा कार्य की शुरुआत की। वह छठवीं बार यहां पर संगठन तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने अपने हाथों से कार्यकर्ताओं को भोजन की थाली दी।
रैन बसेरा के केयर टेकर विजय प्रताप सिंह और अशोक सिंह को भी उन्होंने भोजन की थाली और कम्बल देकर सम्मानित किया। इससे वह बहुत ही भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि जिस मुख्यमंत्री के दर्शन के लिये लोगों को महीनों लाइन लगानी पड़ती है, उन्होंने छठवीं बार हमें अपने हाथ से भोजन की थाली देकर धन्य कर दिया। नर सेवा नारायण सेवा का इससे बड़ा फल क्या हो सकता है।
सेवा भारती सामाजिक आयाम के सम्पर्क प्रमुख रहे तथा सक्षम के प्रांतीय सह सचिव योगेश पांडे ने बताया कि इस रैन बसेरा में जब पहली बार मुख्यमंत्री होने के बाद योगी आदित्यनाथ अपने लाव-लश्कर के साथ आये थे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि मुख्यमंत्री को इतने नजदीक से देख रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों को देख कर लोग आश्चर्य में पड़ गये। इससे रैन बसेरा से जुड़े लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मंगलवार को रैन बसेरा पहुंचे मुख्यमंत्री ने यहां से कई योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अब कोई जरूरतमंद खुले आकाश के नीचे नहीं सोएगा। सभी को रैन बसेरा में रात्री विश्राम के लिये जगह मिलेगी।
केयर टेकर के रूप में कार्य कर रहीं पूनम पांडे कहती हैं कि हम लोग तो धन्य हो गये। हमें छठवीं बार लगातार अपने मुखिया का इतने नजदीक से दर्शन करने का सौभाग्य मिला। यह सब नगर निगम के अधिकारियों की कृपा से संभव हो पाया है। हम लोग मुख्यमंत्री जी के सपनों को साकार करने के लिये दिन-रात परिश्रम करते रहते हैं। लोगों को जरूरत के हिसाब से मदद करते रहते हैं।