जौनपुर। अक्सर सड़क के किनारे रोड़वेज या रेलवे स्टेशन पर गाड़ी रुकते ही बच्चे गाड़ी पोछते, सामान बेचते या भीख मांगते दिख जाते हैं। ऐसे बाल श्रमिकों का चिह्नीकरण अति आवश्यक है। हमें ऐसे बच्चों के अभिभावकों का मार्ग दर्शन करना होगा। हमें उनका पुनर्वाशन करने के लिए स्पॉन्सरशिप योजना, आवास योजना तथा अन्य योजनाओं में भी जोड़ना है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय ने कहा कि हमें अब इस मामले में परिणाम चाहिए। इसकी रिपोर्टिंग केंद्र और राज्य सरकारों को बराबर की जाती है। वह सरजू प्रसाद शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था की ओर से आयोजित जागरूकता शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे। शिविर का आयोजन अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता एवं रेस्क्यू अभियान के तहत हुआ था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक श्रम आयुक्त देवव्रत ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देश पर एक जून से 30 जून तक रेस्क्यू बाल श्रम मुक्त अभियान अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान 12 से 14 वर्ष के किशोर को चिह्नीकरण करना है। साथ ही ऐसे नियोक्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी है। 18 साल से कम उम्र का कोई भी बाल श्रमिक कार्य करते दिखाई दे तो इसकी सूचना श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को तुरंत दें। ऐसे बच्चों को रेस्क्यू कर पुनर्वाशन या स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि समाज जागरूक हो जाएगा तो बाल श्रम पूरी तरह से खत्म हो सकता है। आज समाज इसके लिए पूरी तरह तैयार है। बाल श्रम संज्ञेय अपराध है।
श्रम परिवर्तन अधिकारी मान सिंह ने कहा कि बाल श्रम को नैतिक रूप से भी गलत माना जाना चाहिए। जो भी 14 वर्ष से कम उम्र के बाल श्रमिक (बालक/बालिका) को किसी भी प्रकार के कार्य में नियोजित करेगा तो वह दंड का भागी होगा। उसे दो वर्ष तक कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
संचालन कर रहे डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि बाल श्रम बच्चों की प्रति असंवेदनशीलता का परिणाम है। यदि समाज संवेदनशील होता तो हम बाल श्रम मुक्त समाज की तरफ अग्रसर होते। किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम कलंक की तरह है जिससे हमें निजात पाना ही होगा।
कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के सीबी सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय, सहविधि परिवीक्षा अधिकारी मुरलीधर गिरी, प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार प्रजापति, प्रधानाध्यापक सुभाष सरोज, सर्वेश चतुर्वेदी, डॉ राजेश कुमार मौर्य, आलोक कुमार मिश्रा, प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, नंदन शर्मा, अवनीश मणि त्रिपाठी, शिवम सिंह के साथ ही चाइल्ड लाइन और एसजेपीयू के लोग मौजूद रहे। पूर्व अध्यक्ष चाइल्ड वेलफेयर कमेटी संजय उपाध्याय ने सहयोग के लिए सभी का आभार जताते हुए कहा कि हमें इस तरह बाल श्रम मुक्त अभियान सतत चलाने की ज़रूरत है।