
जौनपुर। जनपद में इस समय हीटवेब (लू) के चलते भीषण गर्मी पड़ रही है। हीटवेब से आम जनमानस एवं पालतू जानवरों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अत्यधिक गर्म एवं नम वातावरण में शरीर की पसीना निकालकर बॉडी को ठण्डा करने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। कूलिंग सिस्टम डिस्टर्ब होने से शरीर का तापमान 37 C से अधिक होने लगता है जो कि सावधानी नहीं बरतने पर हीट स्ट्रोक का कारण बनता है।
लू लगने के लक्षण – सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन (Cramp), हीट रैशेज (त्वचा पर लाल दाने), त्वचा का सूखापन (Dry Skin), उल्टी एवं चक्कर आना, भ्रम (Confusion), रैपिड पल्स तथा बेहोश होना, शरीर का तापमान 39.4 C (103 F) से अधिक हो जाना।
क्या करें- खूब पानी पियें, लस्सी, छाछ, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का खूब सेवन करें जिससे शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे। मौसम विभाग द्वारा जारी एलर्ट को ध्यान में रखें एवं जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक आकस्मिक परिस्थिति को छोड़कर घर से बाहर न निकलें। यदि निकलना जरूरी हो तो 11 बजे से 3 बजे तक के बीच बाहर निकलने से बचें। बाहर निकलते समय छाता लें एवं तौलिया, गमछा, टोपी इत्यादि अवश्य पहनें। पानी की बॉटल साथ रखें। शरीर पर पहने जाने वाले वस्त्र सूती कपड़े से बने हों, सम्पूर्ण शरीर को ढकने वाले एवं ढीले हों। शारीरिक श्रम करने वाले लोग 11 बजे से 03 बजे के बीच कार्य न करें। पालतू पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी देते रहें एवं उन्हें ठण्डे स्थान पर रखें।
क्या न करें- तले भुने एवं मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। सुपाच्य एवं हल्का भोजन ही ग्रहण करें। दिन में 11 बजे से 03 बजे के बीच धूप में न निकलें। छोटे बच्चों को गाड़ी में दरवाजा बन्द करके न छोडें। नशीले पदार्थ, शराब एवं चाय, काफी का सेवन न करें।
हीट वेब से ग्रसित होने पर क्या करें- रोगी को तत्काल ठण्डे स्थान पर लिटा दें एवं शरीर का तापमान कम करने का प्रयास करें। शरीर पर गीले कपडें से स्पंजिंग करें तथा यदि रोगी मुंह से पेय पदार्थ ले सकता हो तो उसे नमक, चीनी एवं पानी का घोल पिलाते रहें। रोगी को आराम न होने पर 108 नम्बर पर फोन कर एम्बुलेन्स को बुलाकर तत्काल नजदीकी चिकित्सालय में ले जाकर इलाज करायें।
उन्होंने जनपदवासियों से अपील है कि उपरोक्त सुझावों का पालन करें, हीट वेब के प्रति सतर्क जिससे जनपद वासियों को भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाया जा सके।