
लखनऊ, 7 अप्रैल 2025
टीकाकरण में तेजी लाने और इससे सम्बन्धी सेवाओं को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार लगातर प्रयासरत है | इसी क्रम में संस्था जॉन स्नो इण्डिया (जेएसआई) के सहयोग से साल 2022 में प्रदेश के चार जनपदों में मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर खोले जाने का निर्णय लिया गया | गोरखपुर में एम्स और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसन्तपुर में, जिला संयुक्त अस्पताल गौतमबुद्ध नगर में साल 2022 में और लखनऊ में अवन्ती बाई जिला महिला अस्पताल में साल 2023 में इनका संचालन शुरू हुआ |
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता बताते हैं कि मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर, शहरीय क्षेत्र में उत्कृष्ट टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के साथ साथ,जनमानस में टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा लोगों को कोम्प्रिहेंसिवे प्राइमरी हेल्थ केयर की सेवायें लेने के लिए प्रेरित करने का माध्यम बन गये हैं। चार जनपदों में मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अब तक 20 जिलों में 42 मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर स्थापित किए जा चुके है, बाकी जिलों में भी खोलने की कवायद जारी है | प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 160 मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर केंद्र खोलने लक्ष्य है।
इन मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर के माध्यम से सरकार टीकाकरण के क्षेत्र में क्रांति ला रही है | वहीं समय से सभी गर्भवती और शून्य से पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कर रही है | मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में नियमित टीकाकरण की अहम भूमिका है |
संस्था जेएसआई के स्टेट लीड डॉ. आशीष मौर्या बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर ने लचीली समय-सारणी, कम प्रतीक्षा समय और टीकाकरण के बाद फॉलोअप के जरिए देखभाल का स्तर बेहतर किया, जिससे लाभार्थियों को निजी अस्पतालों जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सेवा मिलीं। अब तक 20 जिलों में स्थापित इन मॉडल टीकाकरण केंद्रों ने अनुभव सुधारने, टीकाकरण ड्रॉपआउट रोकने और अनुकूल माहौल व सतत फीडबैक के जरिए देखभाल को और सुदृढ़ किया है ।
मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर की है यह विशेषता–
अवंतीबाई जिला महिला चिकित्सालय के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि यह टीकाकरण केंद्र लाभार्थी केन्द्रित है जिससे कि लाभर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो | इन टीकाकरण केन्द्रों पर बच्चों को सुलाने और स्तनपान कराने की अलग से व्यवस्था है | अभिभावकों के बैठने और वैक्सीन के रखरखाव की समुचित व्यवस्था की गयी है| इसके साथ ही केंद्र की दीवारों पर कार्टून अंकित हैं जो बच्चों के आकर्षण का केंद्र हैं | केंद्र पर क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन कर टीकों को लेकर सारी जानकारी मिल सकती है| टीकाकरण के बाद बच्चों को आधे घंटे के रोका जाता है। इस अवधि में बच्चों के मनोरंजन के लिए खेलने का एरिया है जहाँ बच्चे खेलते हैं | इसके साथ ही एक टीवी चलता रहता है जिसमें टीकों को लेकर सारी जानकारी बताई जाती है |
इन आंकड़ों पर भी नजर डालें –
गोरखपुर एम्स में अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2024 के बीच गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में 3.6 गुना और बच्चों के टीकाकरण में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2022 में टीकाकरण के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या 76 थी, जो अक्टूबर-दिसंबर 2024 में बढ़कर 276 हो गई। इसी अवधि में टीकाकरण के लिए आने वाले बच्चों की संख्या 437 थी, जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 1819 हो गई।
इस अवधि में, गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में 254% और बच्चों के टीकाकरण में 316% की वृद्धि दर्ज की गई है।
अवंतीबाई जिला महिला चिकित्सालय में दिसंबर 2023 से मॉडल टीकाकरण केंद्र शुरू हुआ हैं | वहां शून्य से पांच साल तक की आयु के बच्चों के पेंटा-1 के टीकाकरण में 27 फीसद, पेंटा-3 में 74 फीसद और मीजल्स और रूबेला (एमआर) के टीकाकरण में 30 फीसद की बढ़ोत्तरी हुयी है | अब तक मॉडल ट्रेनिंग सेंटर में 20,352 बच्चों और 9,322 गर्भवती का टीकाकरण हुआ है |