जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बिना ड्राइवर के कार चलाने की तकनीक पर मंथन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रबंध निदेशक डॉक्टर फिलिप बी. केसी ने बताया कि हम बिना ड्राइवर के कार चला सकते हैं। ऐसा संभव है फाइबर ऑप्टिक्स और फोटोनिक्स तकनीक के माध्यम से। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से रोबोट सर्जरी भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं इंटरनेट 6 जी की स्पीड भी दस से 100 गुना बढ़ा सकते हैं। इस कारण हम विदेश में अच्छे डाक्टरों की मदद लेकर बहुत अच्छी तरह से रोबोट सर्जरी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि स्पीड अधिक होगी तभी सेंसर के माध्यम से यह सब काम संभव है। इससे डाटा को कई गुना अधिक स्पीड से भेजा जा सकता है। यह तकनीक बार्डर पर तैनात सेना के जवानों की सुरक्षा में भी उपयोगी है। यह ऐसी तकनीक है जिसमें बालों से भी पतले कांच के तंतुओं से गुजरने वाली प्रकाश तरंगों पर इंटरनेट सूचनाएं भेजी जाती है। इसे ही ऑप्टिकल फाइबर संचार कहते है। इस तकनीक को ही व्यापक रूप देने पर संचार के अलावा सेंसर, अनाधिकृत चिकित्सकीय गतिविधियों की जानकारी लेने, औद्योगिक विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने जैसे कामों में योगदान मिल रहा है। विद्युत चुंबकीय, रेडियो फ्रीक्वेंसी, विद्युत स्थैतिकी हस्तक्षेपों, जमीनी वाइब्रेशन का पनडुब्बी में उपयोग करने, बिल्डिंग का वाइब्रेशन नाप कर उसके दुष्प्रभावों को कम करने में उपयोग किया जा सकता है।
यह जानकारी वह वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के फाइबर ऑप्टिक्स एवं फोटोनिक्स प्रयोगशाला में दे रहे थे। प्रयोगशाला में
उपलब्ध सुविधाओं पर तीन दिवसीय कार्यशाला का चल रही थी। कार्यशाला के माध्यम से विभागीय शिक्षकों को इस दिशा में ज्ञानवर्धन शोध के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही नई तकनीक की मदद से औद्योगिक विकास एवं औद्योगिक केन्द्रों से तादात्म्य स्थापित किया जा रहा है। यहां यह जानना जरूरी है कि लगभग दो वर्ष पूर्व मेसर्स पेट्रासिस ग्लोबल मुंबई के साथ विश्वविद्यालय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया था।
कार्यशाला की शुरुआत में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रवि प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका परिचय दिया। प्रोफेसर बीबी तिवारी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।