
जौनपुर। एक दिवसीय कार्यशाला में जनपद के राजकीय तथा निजी चिकित्सालयों के नर्सिंग स्टाफ को क्षय रोगियों के उपचार एवं नियमित जांच की जानकारी दी गई। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह आयोजन वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था के सहयोग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हुआ।
सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने कहा कि सभी टीबी संभावित बच्चों की जांच अत्यंत आवश्यक है। बाल क्षय रोगियों की समय पर पहचान और उपचार से हम क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉक्टर राकेश सिंह ने नर्सिंग स्टाफ से कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं बल्कि जन भागीदारी भी बहुत जरूरी है। ज्यादातर बच्चे अपनी परेशानी कह नहीं कर पाते हैं। इसके कारण उनमें टीबी की पहचान में देरी हो जाती है। इसलिए नर्सिंग स्टाफ के लिए बाल टीबी के लक्षणों के प्रति जागरूक और संवेदनशील होना जरूरी है।
राज्य इकाई से आई लक्ष्मी सिंह ने नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया तथा नर्सिंग स्टाफ के सवालों के जवाब भी दिए। संचालन की जिम्मेदारी जिला प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार, जिला प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर नंदकिशोर शर्मा तथा वीरेंद्र सिंह, जिला नर्स मेंटर रूबी सिंह ने निभाई। छोटे बच्चों में टीवी की पहचान के लिए गैस्ट्रिक एस्पिरेट प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन स्टेट नर्स मेंटर लक्ष्मी सिंह ने किया। प्रदर्शन ने नर्सिंग स्टाफ को बाल क्षयरोगियों की शीघ्र पहचान, उपचार और सटीक जांच गैस्ट्रिक प्रक्रिया के तहत करना तथा बाल टीवी के लक्षणों के प्रति जागरूक बनाना था। उपस्थित सभी नर्सिंग स्टाफ ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताया तथा टीबी उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी सलिल यादव सर ने 100 दिन कैंपिंग की जानकारी दी। एसटीएफएस सुशील अग्रहरी तथा राजीव श्रीवास्तव ने नेट टेस्टिंग तथा स्पुटम सैंपल कलेक्शन के बारे में बताया।